ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis ) ऐसी बीमारी है जिसमे हड्डियां अन्दर से खोखली हो जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर होने लगती है। उनके टूटने और फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी अक्सर 50 की आयु के बाद होती है जिसमे मनुष्य की बॉडी मॉस लगातार घटने लगता है।
ऑस्टियोपोरोसिस रोग क्या होता है?
ऑस्टियोपोरोसिस का शाब्दिक अर्थ है “खोखली हड्डियां।” इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे कूल्हे, रीढ़ की हड्डी और कलाई में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। हमारे शरीर में हड्डी के ऊतक (बोन टिश्यू) लगातार बनते रहते हैं, और नई हड्डी पुरानी, क्षतिग्रस्त हड्डी की जगह ले लेती है। इस तरह, शरीर में हड्डियों का घनत्व (बोन डेंसिटी) और उसके क्रिस्टल और संरचना की अखंडता बनी रहती है। किसी भी व्यक्ति में उसका अस्थि घनत्व उसकी 20 की आयु के करीब चोटी पर होता है और 35 की आयु के बाद हड्डी कमजोर होने लगती है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियाँ कमजोर होकर टूटने लगती हैं। यदि यह परिस्थिति अत्यधिक बढ़ जाती है, तो वह व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाता है या उस परिस्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
आमतौर पर ऑस्टियोपोरोसिस के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन एक बार जब आपकी हड्डियाँ ऑस्टियोपोरोसिस से कमजोर हो जाती हैं, तो निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं:
पीठ में दर्द, एक फ्रेक्चरड कशेरुका के कारण
समय के साथ कद का कम होना
आसानी से बोन फ्रेक्चर हो जाना
खड़े होने की मुद्रा में परिवर्तन
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना
बैठने और खड़े होने में परेशानी होना
ऑस्टियोपोरोसिस का निवारण
यदि आप अच्छा पोषण लेते हैं और नियमित व्यायाम करते हैं तो यह आपकी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए काफी है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस के निवारण के लिए आप नीचे दिए गए निवारण भी कर सकते हैं –
प्रोटीन: प्रोटीन हमारे शरीर की हड्डी के निर्माण के लिए आवश्यक खंडों में से एक है। इसलिए जितना हो सके अपने आहार में प्रोटीन को अवश्य शामिल करें। इसके लिए आप अपने आहार में सोया, नट, फलियां, डेयरी और अंडे इत्यादि को शामिल कर सकते हैं।
शरीर का वजन: अंडरवेट होने से हड्डियों के नुकसान और फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है। अतिरिक्त वजन भी आपके हाथ और कलाई में फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसलिए शरीर का उचित वजन बनाए रखना हड्डियों के लिए और स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
कैल्शियम: 18 से 50 की आयु के पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही एक दिन में करीबन 1,000 milligrams कैल्शियम की आवश्यकता होती है।महिलाओं को 50 के बाद और पुरुषों को 70 के बाद यह मात्रा बढ़कर 1,200 milligrams कर देनी चाहिए।
विटामिन D: विटामिन डी हमारे शरीर की कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता में सुधार करता है और अन्य तरीकों से हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करता है।इसलिए जितना हो सके अपने आहार में विटामिन डी को सम्मिलित करें।
व्यायाम: व्यायाम हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत और कमजोर हड्डियों का फिर से निर्माण करने में मदद कर सकता है।